ज़िन्दगी के पन्नों के अजनबी चेहरे
अगर ज़िन्दगी बन जाये तो क्या करें
उनके निगाहों के हसीन पहरे
अगर बन्दगी बन जाये तो क्या करें
उनकी बाहों में रुकी थी जो धड़कन
वो आशिकी बन जाये तो क्या करें
वो बातें कुछ कही अनकही सी
वो शायरी बन जाये तो क्या करें
क्या करें हम ए -खुदा.........
इसे प्यार का नाम भी न दे पाए
न समझ आए उनकी अदा मगर
दिल फ़िदा हो जाये तो क्या करें
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